खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
और दर्द न दे मुहब्ब्त की खुशबू-ऐ-कस्तूरी से !
***
डी के निवातिया
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
और दर्द न दे मुहब्ब्त की खुशबू-ऐ-कस्तूरी से !
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डी के निवातिया