खुद में बदलाव की एक तमन्ना करिए
खुद में बदलाव की एक तमन्ना करिए।
भीड़ से हट के चलने की कोशिश करिए ।
खुद में मुकम्मल यहाँ नहीं होता कोई।
भूल कर अपनी किसी से न तुलना करिए।।
बाक़ी रह जाना है, अगर दिलों में सबके ।
अपने अख़लाक़ को बेहतर से बेहतर करिए ।
वक़्त से आंख मिलाने की हिम्मत करिए।
तेरी पहचान है, क्या साबित करिए ।।
खुद में बदलाव की एक तमन्ना करिए।
भीड़ से हट के चलने की कोशिश करिए ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद