Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
manjula chauhan
19 Followers
Follow
Report this post
30 Mar 2024 · 1 min read
खुद पर यकीन,
खुद पर यकीन,
जिंदगी की तस्दीक है।
और गैरों पर यकीन,
खुद से बेईमानी।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 201 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from manjula chauhan
View all
मधुकर श्रेणी
Manjula Chauhan
You may also like:
मेरी कलम से…
Anand Kumar
एहसास ए तपिश क्या होती है
Shweta Soni
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
शिव प्रताप लोधी
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
*Eternal Puzzle*
Poonam Matia
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
*.....उन्मुक्त जीवन......
Naushaba Suriya
पूरी ज़िंदगी भर तन्हा रहना एक जबरदस्त नशा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
3758.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोस्त बताती थी| वो अब block कर गई है|
Nitesh Chauhan
अजब तमाशा जिन्दगी,
sushil sarna
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
Rj Anand Prajapati
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
True is dark
Neeraj Agarwal
*उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ*
Krishna Manshi
दशहरा
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
!.........!
शेखर सिंह
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"झूठे लोग "
Yogendra Chaturwedi
" सिर्फ "
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
कवि रमेशराज
मैने देखा है लोगों को खुद से दूर होते,
पूर्वार्थ
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸
Mahima shukla
Loading...