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13 Jun 2024 · 1 min read

खुद को सही और

खुद को सही और
दूसरों को गलत….
समझना
आज की
दुनिया का दस्तूर हो गया है……
करे भी तो क्या
यहां अपनी अपनी जगह
हर कोई मजबूर हो गया हैं…………ShabinaZ

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