खुद को सही और
खुद को सही और
दूसरों को गलत….
समझना
आज की
दुनिया का दस्तूर हो गया है……
करे भी तो क्या
यहां अपनी अपनी जगह
हर कोई मजबूर हो गया हैं…………ShabinaZ
खुद को सही और
दूसरों को गलत….
समझना
आज की
दुनिया का दस्तूर हो गया है……
करे भी तो क्या
यहां अपनी अपनी जगह
हर कोई मजबूर हो गया हैं…………ShabinaZ