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12 Oct 2024 · 1 min read

खुद को मीरा कहूँ

रुक्मणी बनके क्यूँ रोज पीड़ा सहूँ
राधिका बनके क्यूँ एक विरहन रहूँ
प्रेम जब हो गया श्याम तुमसे तो मैं
क्यूँ न जोगन बनूँ खुद को मीरा कहूँ

डॉअर्चना गुप्ता
10.10.2014

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