Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2022 · 1 min read

खुद को भी

खुद को भी अपना कुछ अधिकार दीजिए ।
शर्तों में लिपटी जिंदगी से इंकार कीजिए ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 567 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

दो शे'र ( चाँद )
दो शे'र ( चाँद )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सहधर्मिणी
सहधर्मिणी
Bodhisatva kastooriya
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
पुष्पेन्द्र पांचाल
मेरे राम
मेरे राम
Ajay Mishra
शुभ प्रभात
शुभ प्रभात
Rambali Mishra
भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं
भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं
VINOD CHAUHAN
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
सबूत- ए- इश्क़
सबूत- ए- इश्क़
राहुल रायकवार जज़्बाती
ज़रूरत नहीं
ज़रूरत नहीं
Dr fauzia Naseem shad
****स्वप्न सुनहरे****
****स्वप्न सुनहरे****
Kavita Chouhan
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
"तू ही तू है"
Dr. Kishan tandon kranti
बड़ी सी इस दुनिया में
बड़ी सी इस दुनिया में
पूर्वार्थ
दोहे _ चार
दोहे _ चार
Neelofar Khan
I.N.D.I.A
I.N.D.I.A
Sanjay ' शून्य'
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
विश्वासघात/धोखा
विश्वासघात/धोखा
लक्ष्मी सिंह
वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
Harminder Kaur
सर्द ऋतु का हो रहा है आगमन।
सर्द ऋतु का हो रहा है आगमन।
surenderpal vaidya
2833. *पूर्णिका*
2833. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
Phool gufran
बच्चों के मन भाते सावन(बाल कविता)
बच्चों के मन भाते सावन(बाल कविता)
Ravi Prakash
गुलाबों सी महक है तेरे इन लिबासों में,
गुलाबों सी महक है तेरे इन लिबासों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
साला - जीजा।
साला - जीजा।
Kumar Kalhans
सारा शहर अजनबी हो गया
सारा शहर अजनबी हो गया
Surinder blackpen
प्रिये
प्रिये
Johnny Ahmed 'क़ैस'
सबके राम
सबके राम
Sudhir srivastava
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
Dr Archana Gupta
दीपावली के अवसर पर
दीपावली के अवसर पर
जगदीश लववंशी
Loading...