खुद को ढाल बनाये रखो
खुद को ढाल बनाए रखो,
खुशियों की फौलादी अंगूठी पहनाए रखो।
जहां नज़रों को नया नज़ारा नज़र आए,
वहां अपने सपनों को संजोए रखो।
जीवन के रंगों को चटाईयों में छुपाए,
मौसम की पलकों पर अपना असर छोड़ जाए।
जहां आसमानी उड़ाने अनलिमिटेड हों,
वहां अपने सपनों को जमीन पर समाए रखो।
हर पल में खुशरंगी की सीलबंदी रखो,
हंसी की खिलखिलाहट में खुद को फंसाए रखो।
जहां आंधियों को चीखने का हौसला हो,
वहां खुद को सबसे ऊँचा बनाए रखो।
चुनौतियों के साथ खुद को निभाए रखो,
जीवन के हर मोड़ पर ख़ुश रहे रखो।
जहां सपनों को पूरा करने की चाह हो,
वहां खुद को असीम रंगों में भरे रखो।
यही अर्थ है खूबसूरती का,
जब तुम अपनी खुदी में खो जाओ।
तभी स्वर्ग के अंगूठी लगाओगे,
और इस दुनिया को आश्चर्यचकित करोगे।
कार्तिक नितिन शर्मा