खुद को जानना जानना प्रिये
खुद को जानना जानना प्रिये
व्यर्थ अन्य को पहचानना प्रिये
उठापटक सब छोड़ जगत की
अपने ही दिल की मानना प्रिये!!
-आचार्य शीलक राम
खुद को जानना जानना प्रिये
व्यर्थ अन्य को पहचानना प्रिये
उठापटक सब छोड़ जगत की
अपने ही दिल की मानना प्रिये!!
-आचार्य शीलक राम