खुद को खोकर तेरे प्यार में…
खुद को खोकर तेरे प्यार में
पाया तुझे मेरी जान,
बताओ क्या है तेरा अहसान?
बताओ क्या है तेरा अहसान?
रैना काटी अंखियन सारी,
भोर भये तक राह निहारी,
सपनों के सागर में देखा,
ख्यालों के हाथ संदेशा भेजा,
मिला न खोज निशान,
बताओ क्या है तेरा अहसान? …
कापी, पुस्तक दीवारों पर,
नर्म रेत और चट्टानों पर,
नाम तुम्हारा लिखा मिटाया,
दिल के सच को चीर दिखाया,
सबसे किया गुणगान,
बताओ क्या है तेरा अहसान?…
सूरज-धूप, फूल और खुशबू,
चांद-चांदनी, प्यार-गुफ्तगू,
सबमें सदां तुम्हें ही पाया,
हर उपमा से तुम्हें सजाया,
हर बार बढ़ाया मान,
बताओ क्या है तेरा अहसान?…
खुद को खोकर तेरे प्यार में,
पाया तुझे मेरी जान,
बताओ क्या है तेरा अहसान ?
बताओ क्या है तेरा अहसान ?
✍️ सुनील सुमन