खुद की गलतियां
गुस्ताखियां भी खुद की,
नाराज़गी भी ख़ुद की।
मुझसे जुदा हुए तुम,
आवारगी थी ख़ुद की।।
अब क्या कहूं मैं, तुमसे
जीवन का सफरनामा।
लुटते रहे हम बेबस,
नादानियां थी खुद की।।
गुस्ताखियां भी खुद की,
नाराज़गी भी ख़ुद की।
मुझसे जुदा हुए तुम,
आवारगी थी ख़ुद की।।
अब क्या कहूं मैं, तुमसे
जीवन का सफरनामा।
लुटते रहे हम बेबस,
नादानियां थी खुद की।।