Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2018 · 2 min read

खुदा है भी या नहीं ! (ग़ज़ल)

खुदा है भी या नहीं ! (ग़ज़ल)

सूना था कभी अपने बुजुर्गों से ,याद रखना ,

खुदा की ज़ात से ना कभी इंकार तुम करना .

खुदा का वजूद है हकीक़त है वो ख्वाब नहीं,

किसी भी सूरत में उसपर अपना यकीं मत खोना .

किस्मत गर रूठ जाये,बेशक ज़माना बदल जाये ,

लेकिन वोह तुम्हारे साथ है ये इत्मिनान रखना .

सुना तो ये भी है उसके पास है बहुत बड़ी अदालत,

अपने इन्साफ के लिए उसका दरवाज़ा खटखटाना .

खुदा के घर देर है अंधेर नहीं ,यह भी याद रखना ,

सब्र लिए दिल में उसकी रहमत का इंतज़ार करना .

मगर आजकल जैसे हो रहे है हमारे वतन के हालात ,

तो बहुत मुश्किल है सब्र और इत्मिनान खुदा पर रखना .

नहीं है ना उसकी नज़रे करम इस बेचारी धरती पर,

तब तो वाजिब है न शैतानो के होंसले बुलंद होना.

वेह्शियों के बीच फंसी रोती बिलखती अबला को,

ज़रूरी है न खुदा को आकर उसकी लाज बचाना .

मगर ! यह सच है ,नहीं सुन रहा ,खुदा किसी की पुकार ,

कर देता है वोह आजकल ,दर्द भरी चीखों को अनसुना.

खून- खराबा ,क़त्ल और बलात्कार का छाया है अन्धेरा ,

मगर अब उसका काम रह गया है परदे के पीछे से तमाश देखना .

कोई तो उसे पुकारो ,कोई तो सदा दो, है किसी की आहों में दम ,

कहो उसे जाकर अच्छा नहीं है यूँ मजलूमों से निगाह फेरना.

दुनिया के मालिक बने फिरते हो ,तो क्यों नहीं आते जोश में ,

मिटा दो सारे पाप की जड़ को ,और कहो आकर ”मैं हूँ न “!

खुदा ! तुम हो भी या नहीं ,यह साबित करके दिखाओ ,
लेकर अवतार धरती पर बेहद ज़रूरी है तुम्हारा कदम रखना .

281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

देश की अखण्डता
देश की अखण्डता
पंकज परिंदा
ना कल की फिकर
ना कल की फिकर
Kanchan Alok Malu
प्यार शब्द में अब पहले वाली सनसनाहट नहीं रही...
प्यार शब्द में अब पहले वाली सनसनाहट नहीं रही...
Ajit Kumar "Karn"
पिता
पिता
Mansi Kadam
दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
ruby kumari
बदलती जिंदगी की राहें
बदलती जिंदगी की राहें
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल _ रोज़ तन्हा सफ़र ही करती है ,
ग़ज़ल _ रोज़ तन्हा सफ़र ही करती है ,
Neelofar Khan
मौन समझते हो
मौन समझते हो
मधुसूदन गौतम
किशोरावस्था मे मनोभाव
किशोरावस्था मे मनोभाव
ललकार भारद्वाज
दूध मलाई और खुरचन
दूध मलाई और खुरचन
Nitin Kulkarni
...
...
*प्रणय*
"तर्के-राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तेरा राम
तेरा राम
seema sharma
गजब है हिंद की भाषा ये'हिंदी खूब भाती है
गजब है हिंद की भाषा ये'हिंदी खूब भाती है
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
सामंजस्य
सामंजस्य
Shekhar Deshmukh
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
Kuldeep mishra (KD)
मजदूर का दर्द (कोरोना काल )– गीत
मजदूर का दर्द (कोरोना काल )– गीत
Abhishek Soni
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सफेद चादर
सफेद चादर
सोनू हंस
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Anamika Tiwari 'annpurna '
उसने डाटा मुझे इस कदर रात को
उसने डाटा मुझे इस कदर रात को
आकाश महेशपुरी
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Dr Archana Gupta
2564.पूर्णिका
2564.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
What a wonderful night
What a wonderful night
VINOD CHAUHAN
" भाव "
Dr. Kishan tandon kranti
- अपनो से आघात -
- अपनो से आघात -
bharat gehlot
डोर आस्था की
डोर आस्था की
इंजी. संजय श्रीवास्तव
पिता आख़िर पिता है
पिता आख़िर पिता है
Dr. Rajeev Jain
Loading...