खुदा चाहे तो।
जर्रे जर्रे में ही खुदा की निशानी है।
उसने ही दी सभी को जिन्दगानी है।।
पत्ता भी ना हिलेगा बिन मर्जी के।
खुदा चाहे तो सेहरा में भी पानी है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
जर्रे जर्रे में ही खुदा की निशानी है।
उसने ही दी सभी को जिन्दगानी है।।
पत्ता भी ना हिलेगा बिन मर्जी के।
खुदा चाहे तो सेहरा में भी पानी है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️