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5 Apr 2022 · 1 min read

खुदा की रज़ा

कोई गुनहगार कब खुद को गुनहगार मानता है ,
यह तो सब खुदा के इख्तियार में है ।
वोह चाहे तो उसे उसके गुनाहों का एहसास करवाए,
उसके जमीर पर तीखी चोट करे ,
जिससे उसका तकब्बुर छलनी हो जाए ।
मगर उसकी खामोशी यह जाहिर कर रही है ,
जो कुछ हो रहा है आज के दौर में,
सब उसकी रज़ा में है ।

Language: Hindi
137 Views
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