खुदा का शुक्र है ….
वो संताने बड़ी खुशकिस्मत हैं,
जिनके सिर पर माता पिता का साया है।
वो सुहागिनें भी खुशकिस्मत हैं ,
जिनकी मांग सिंदूर से चमक रही है।
वो माता पिता भी खुशकिस्मत है ,
जिनकी बुढ़ापे की लाठी सलामत है ।
वो पति भी खुशकिस्मत है ,
जिसके लिए कोई घर पर बैठी राह देख रही है ।
दौलत से बढ़कर है अपनों का साथ ,
इसीलिए खुदा का शुक्र करो अपनो के साथ के लिए ,
जो जीवन के लिए बहुत जरूरी है।
वरना जमाना में ऐसे बदकिस्मत लोग बहुत है ,
जिनके जीवन में किसी न किसी अपने की कमी है।
इस महामारियों और हादसों के बुरे समय में ,
अपनो की खैर मनाओ दोस्तों !
और पल पल खुदा का शुक्र करो ,ये बहुत जरूरी है।