खुदा ए फरिश्ता।
बड़ा गुरुर था चांद को अपनी खूबसूरती पर।
देखकर मेरे दिलबरे हुस्न को वो भी छुप गया।।
क्या बताए सूरत ओ सीरत अपनें महबूब की।
खुदा ए फरिश्ता भी उनका दीवाना खुद हुआ।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
बड़ा गुरुर था चांद को अपनी खूबसूरती पर।
देखकर मेरे दिलबरे हुस्न को वो भी छुप गया।।
क्या बताए सूरत ओ सीरत अपनें महबूब की।
खुदा ए फरिश्ता भी उनका दीवाना खुद हुआ।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍