खुदा ए खुदाई।
मेहरबानियां सबको कहां नसीब होती है।
खुदा ए खुदाई सबके कहां करीब होती है।।
हर बार ही जीतता जीतता हार जाता हूं।
ये किस्मत सभी की कहां रफीक होती हैं।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
मेहरबानियां सबको कहां नसीब होती है।
खुदा ए खुदाई सबके कहां करीब होती है।।
हर बार ही जीतता जीतता हार जाता हूं।
ये किस्मत सभी की कहां रफीक होती हैं।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍