खिसिआए हुए हैं
हम को मनाओ न हम खिसियाए हुए हैं
इन दिनों हम न, तुम से रिसियाए हुए हैं ।
मान जाएंगे एके गो टॉफी में बालों में हाथ फिराओ न
आओ न आज कल तनिक हम तुमसे गुसिआए हुए हैं ।
~ सिद्धार्थ
हम को मनाओ न हम खिसियाए हुए हैं
इन दिनों हम न, तुम से रिसियाए हुए हैं ।
मान जाएंगे एके गो टॉफी में बालों में हाथ फिराओ न
आओ न आज कल तनिक हम तुमसे गुसिआए हुए हैं ।
~ सिद्धार्थ