खिल उठा है कमल
खत्म हुआ है सिलसिला
अब बातों का
आ गया है वक्त
कछ कर जाने का ।
गुजर गया है दौर
तूफानो का
आया है मौसम लौट के
फिर से मुसकाने का ।
निकल पड़ा है राही
मंजिलों का
लिये हौसला बुलंद
उड़ने मे आसमानो का ।
खिल उठा है कमल
दिल मे अरमानो का
इंतजार नही अब
बहारों के आ जाने का ।।
राज विग