खिले रहने का ही संदेश
रंग बिखेरते फूल जग
को सुख देते चहुंओर
फिर भी उनके धर्म में
विघ्न के कांटे पुरजोर
खुशी के मौकों पर इंसां
उनका साथ लेते भरपूर
जश्न निपटते ही हर तरफ
उनकी उपेक्षा करें मगरूर
फूल सभी को देते हैं सदा
खिले रहने का ही संदेश
रूप और सुगंध से महका
देते आसपास का परिवेश
वास्तव में ये होते मानव को
प्रकृति का विशेष उपहार
बहुत जरूरी है हर शय करे
प्रकृति का संजीदगी से श्रृंगार