खिलाडी श्री
खिलाड़ी श्री –
श्री प्रकाश सिंह छोटी गंडक के किनारे गांव छपरा निवासी दिलेर मिलनसार शौम्य हँस मुख नौजवान थे।
भारत की आजादी के बाद गांवो में आज की तरह क्रिकेट नही बल्कि फुटबाल लोकप्रिय था श्री प्रकाश सिंह फुटबाल बहुत अच्छे खिलाड़ी अपने जमाने मे थे उनके खेल की चर्चा जोरों पर थी प्रकाश सिंह जितने अच्छे फुटबॉल प्लेयर थे उतने ही बेहतरी तैराक भी थे।
प्रत्येक छुट्टियों में नदी उस पार संहुला गांव से फुटबाल मैच होता श्री प्रकाश सिंह की टीम नाव से नदी पार करती और फुटवाल मैच खेलकर लौट आती सदैव विजयी रहती जिसका श्रेय श्री प्रकाश सिंह को ही जाता।
रविवार का दिन नदी में उफान इसी दुरूह वातावरण में श्रीप्रकाश सिंह ने नदी उस पार गांव सहुला की टीम से मैच निर्धारित किया।
ड़ेंगी नाव से श्री प्रकाश सिंह के नेतृत्व में नदि पार सहूला गांव की टीम से मैच खलने पहुंची निर्धारित समय मे मैच शुरू हुआ और श्रीप्रकाश सिंह की टीम विजयी हुई ।
श्री प्रकाश की टीम ड़ेंगी नाव से इस पार आने के लिए नाव में सवार हुई कुछ दूरी पर जा कर नाव उलट गयी श्री प्रकाश सिंह चूंकि बहुत अच्छे तैराक थे उन्होंने सभी टीम सदस्यों की जान तो बचा दी किंतु खुद भंवर में फंस गए और डूब गए ।
बहुत खोज बीन के बाद उनके शव को खोज निकाला गया तब से आज भी शाम रात्रि नदी से अजीब आवाजे आति है कहावत है कि श्री प्रकाश सिंह जल सतह पर फुटवाल खेलते है ।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।