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19 Jun 2023 · 1 min read

खिलाड़ी

छोटों को खिलाड़ी देखा
बड़ो को अनाड़ी देखा
फूली कद-काठी देख
डरना ना मितवा।

अक्ल के बाज देखे
बड़े मोहताज देखे
नियत जिताए जंग
लिख लिए फतवा।

खूब चला खरगोश
मन में ही मदहोश
होश जो गवाया जंग।
जीत गया कछुआ।

हवा में पतंगा नहीं
सागर में गंगा नहीं
तेरा खुद तुझको ही
ढंग जाए जितवा।।

युवा कवि:
महेश कुमार (हरियाणवी)
महेंद्रगढ़, हरियाणा

1 Like · 294 Views

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