*खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)*
खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)
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खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग
प्रभु जी दुगनी भूख दो, दुगने दो सब अंग
दुगने दो सब अंग, कहॉं छप्पन खा पाते
छोटा अपना पेट, आठ-दस पर रुक जाते
कहते रवि कविराय, छियालिस पैक कराओ
घर पर लाओ बॉंध, रोज दस-दस खिलवाओ
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पैक = बॉंधना
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451