#कुंडलिया//
करना छोड़ घमंड तू , समझ स्वयं औक़ात।
आँधी आते टूटते , सूखे पहले पात।।
सूखे पहले पात , रहो मिलजुल कर प्यारे।
धूप-छाँव है वक़्त , आज जीता कल हारे।
सुन प्रीतम की बात , बुरी बातों से डरना।
समय बहुत बलवान , सभी का आदर करना।
#आर.एस. ‘प्रीतम’