खिचड़ी
खिचड़ी
जितनी सरल बनाने में है,
उतनी सरल है खाने में।
लघु लागत में ये बन जाती,
है आसान पचाने में।
पत्नी के मायके जाने पर,
खिचड़ी की नहीं सानी।
कम बर्तन झूठे होते हैं,
धोने में आसानी ।
ब्याह के समय न खाए दूल्हा,
सास चैन पहनाए ।
खिचड़ी खा ले मेरे जमाई,
दे उपहार मनाए ।
खिचड़ी खा परचम लहराया, महानायक कहलाया।
अमिताभ बच्चन निज अभिनय से सबका मन बहलाया।
शिशु का पहला भोजन खिचड़ी,
देती मां ले गोदी।
खिचड़ी खाकर किया तरक्की,
पी एम बन गए मोदी।
तुलसी नरसी सुर कबीरा,
खिचड़ी खा हरि ध्याया ।
भोजन में है सबसे उत्तम,
जो खाया हर्षाया।
राष्ट्रीय भोजन भारत की है,
खिचड़ी को दें मान।
दीन जनों की छप्पन भोग ये,
बड़जन की दवा जान।
राजा रंक फकीर पुजारी,
सब प्रसन्न हो खायें।
बड़े काम की होती खिचड़ी,
खाएं हरि गुण गांयें।
सतीश सृजन