खा रहे हो नमक,ऐसे मत दगा दीजिये —आर के रस्तोगी
खा रहे हो नमक,ऐसे मत दगा दीजिये |
मुल्क का फर्ज कुछ तो अदा कीजिये ||
खाते हो किसी का,गुण गाते किसी का |
ऐसे तो इस मुल्क को न दगा दीजिये ||
महफूज हो यहाँ पर,फिर भी डरने लगे |
फितरत दिमाग की,जरा कम कर लीजिये ||
खा कर भी गुर्रा रहे,ऐसा तो मत कीजिये |
ऐसा मुल्क न मिलेगा,बस कर देख लीजिये ||
बोलने पर पाबन्दी नहीं,बनते हो बेजुबान |
रहमत ख़ुदा की है,उसको जरा दुआ दीजिये ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)