खास लोग
खास लोग (ग़ज़ल)
******************
कुछ लोग होते खास हैं,
हो दूर फिर भी पास हैं।
वो रोज आते याद हैं,
पुरजोर बुझती प्यास है।
बन बैठ बैठे बार पर,
अब कौन कोई दास है।
हर रोज सहते रंज को,
वो आम जिंदा लाश है।
रहमान मनसीरत सदा,
उनका हृदय में वास है।
******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)