खाली हाथ
खाली हाथ
बंद मुट्ठी आए हैं ,खाली संसार से हाथ जाना है,
सब कुछ जानते हुए भी इंसान बना अंजाना है।
सारा जीवन तीन-पाँच करने में ही बताया है,
अंत समय जो आया तो कुछ काम ना आया है।
पैसे पाने की दौड़ में सब कुछ उसनें भुला दिया,
जब जरूरत पड़ी तो कोई पास ना पाया।
स्वर्ग मिले या नर्क यह तो कर्म ही बताएंँगे,
यमदूत तो इस धरा से खाली हाथ ले जाएंँगे।
नीरजा शर्मा