मुर्दा होकर लौट आया हूँ
अपने हिस्से के साथ मैं तेरा हिस्सा भी ले आया हूँ,
तुझे खुशी मिले ज्यादा इसलिए दुख ले आया हूँ..!
मुझे तन्हा रहने और दुख सहने की आदत है,
हँसने की तेरी आदत ना छूटे इसलिए हँसी छोड़ आया हूँ.!
मैंने बहुत कोशिश की, खुद को तुझमें मिलाने की,
तू पानी ही रही और मैं तेल बनकर लौट आया हूँ.!
मैं ऊपर ही ऊपर तैरता रहा तेरे भावों के साथ,
तेरे दिल में गोता लगाए बगैर ही मैं लौट आया हूँ.!
मैं डर गया तेरे साथ मोहब्बत में गिरकर डूब जाने से,
डूबा नहीं गिरा नहीं इसलिए मुर्दा होकर लौट आया हूँ..