शूल होते हैं’ फूल होते हैं
शूल होते हैं’ फूल होते हैं
प्यार में सब कबूल होते हैं
हर कहीं हम झुका नहीं करते
कुछ हमारे उसूल होते हैं
प्यार के पल ही’ संपदा अपनी
बाकी’ सब तो फिजूल होते हैं
साथ उनका नहीं कोई देता
भाग्य में जिनके शूल होते हैं
छू लिया हो भले गगन हमने
माँ के’ चरणों में’ धूल होते हैं