Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)

खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
—————————————————
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म
हलवा दो चमचे चखा ,मालपुआ अति नर्म
मालपुआ अति नर्म , दहीभल्ले थे न्यारे
मधुर मूँग की दाल ,गोलगप्पे अति प्यारे
कहते रवि कविराय ,पेट यों भर-भर आया
प्लेट उठाता कौन ,नहीं खाना फिर खाया
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 615451

62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
4134.💐 *पूर्णिका* 💐
4134.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🙅सेक्युलर्स के अनुसार🙅
🙅सेक्युलर्स के अनुसार🙅
*प्रणय*
*****नियति*****
*****नियति*****
Kavita Chouhan
व्यंग्य कविता-
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
Anand Sharma
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*हिंदी तो मेरे मन में है*
*हिंदी तो मेरे मन में है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कभी जब आपका दीदार होगा
कभी जब आपका दीदार होगा
सत्य कुमार प्रेमी
Your Ultimate Guide to Excelling in Finance Assignments
Your Ultimate Guide to Excelling in Finance Assignments
Angelika Wartina
आओ हम तुम संग चाय पीते हैं।
आओ हम तुम संग चाय पीते हैं।
Neeraj Agarwal
वह हमारा गुरु है
वह हमारा गुरु है
gurudeenverma198
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आज दिल कुछ उदास सा है,
आज दिल कुछ उदास सा है,
Manisha Wandhare
नियम पुराना
नियम पुराना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
"मुस्कुराते हुए ही जिऊंगा"
Ajit Kumar "Karn"
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
VINOD CHAUHAN
खेल जगत का सूर्य
खेल जगत का सूर्य
आकाश महेशपुरी
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पुलिस की चाल
पुलिस की चाल
नेताम आर सी
मैं लिखती नहीं
मैं लिखती नहीं
Davina Amar Thakral
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
कर्मों के परिणाम से,
कर्मों के परिणाम से,
sushil sarna
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"मदहोश"
Dr. Kishan tandon kranti
I want my beauty to be my identity
I want my beauty to be my identity
Ankita Patel
रोटियों के हाथों में
रोटियों के हाथों में
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
**कविता: आम आदमी की कहानी**
**कविता: आम आदमी की कहानी**
Dr Mukesh 'Aseemit'
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
Loading...