खामोशी
संभाल के रखी है तेरी खामोशी हमने
जब उदास होता हूँ सुन लेता हूँ
बूँदों की टप टप कानों में गूँजती है
थोड़ा मौसम का मज़ा लेता हूँ
उधार ली थी तुमसे मुस्कुराहट हमने
चलो आज ये कर्ज भी चुका देता हूँ
कितना मासूम सा है दिल तेरा
इस दिल में हिसाब रखता हूँ
भूल जाना मेरी आदत नहीं
तुमको पाना मेरी चाहत नहीं
दूर से देखता हूँ तुमको
और साथ निभा देता हूँ
Written by me Geeta Bhatia