खामों खां
हमको पता है तुम को भी हुआ है हमसे प्यार।
खामाें खां छुपा रहे हो कर लो इसका इकरार।।1।।
केवल हम ही ना हुए हैं इस इश्क में गिरफ्तार।
तुमको भी सजा मिलेगी तडपोगे दिन ओ रात।।2।।
एक तुम्हारे होने से ही है हमारा वजूद जिन्दा।
वर्ना बिना सांसों के कहां जीता है कोई इंसान।।3।।
बोलो ना बोलो तुम कुछ भी हमसे यूं जुबा से।
नजरे कर रही है सारा ही हाल ए दिल बयान।।4।।
दिल जब से आसीर हुआ है कफसे इश्क में।
इसे पल भर को ना मिला है सुकूं ओ आराम।।5।।
रास्ता भी हम जैसा तन्हा-तन्हा सा लगता है।
मिलते नहीं है इस पे चले हुए पैरो के निशान।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ