खाने में क्या बनाऊँ?
कुछ देर पहले ही तो सोच रही थी
कि खाने में क्या बनाऊँ?
हसरतों के चावल या ख्याबों की खिचड़ी बनाऊँ
क्यों न दुआओं की सब्जी और उम्मीदों की रोटी बनाऊँ
जो हर भूखे पेट तक पहुचाऊं और निराशा से उठने की उम्मीद जगाऊँ
वक़्त बदलेगा इक दिन, यह भूख ना होगी दुश्मन
यह समझाऊं
काश !!! इस हांड़ी को कृष्ण के अक्षयपात्र में बदल पाऊँ
जन जन की भूख मिटा पाऊँ , काश !!!!!!!……….