*खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज (कुंडलिया)*
खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज (कुंडलिया)
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खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज
छोड़ा यदि इसको नहीं, तो बिगड़ेंगे काज
तो बिगड़ेंगे काज, काल फिर डॅंस-डॅंस लेगा
मुख में कैंसर-रोग, बड़ा भारी दुख देगा
कहते रवि कविराय, मुफ्त भी हो ठुकराना
दृढ़ प्रतिज्ञ हो बंधु, नहीं तंबाकू खाना
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451