खाएंगे हम आज
आशियाना कह कर के, ना भरमाओ आज।
है ब्याह की वर्षगाँठ,पता हमें है राज।।
पता हमें है राज,करो ना हमसे चोरी।
पहने वर का ताज, मिलीं थी सुन्दर गोरी।।।
खाएंगे हम आज,भले जी भर खिशियाना।
खाना है इस रात, पहुँच तुम्हरे अशियाना।।
✍️जटाशंकर”जटा”
१९-०६-२०२१
(परम मित्र के शादी की सालगिरह पर मित्र दंपति को समर्पित)
बबिता जोरू थीं बनी, अनिल बने प्राणेश।
मधुर मिलन का है दिवस, मंगल करें गणेश।।
✍️जटाशंकर”जटा”