हुस्न वाले उलझे रहे हुस्न में ही
- लोग भूतकाल नही वर्तमान देखते है -
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
तुम्हें पाना, तुम्हे चाहना
ख्यालों के महफ़िलों में एक सपना देखा था,
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
मैने थोडी देर कर दी,तब तक खुदा ने कायनात बाँट दी।
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
“You are likely to fall when you stop paddling your bicycle.