Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2024 · 1 min read

ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,

ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
हमारी दुनियां सजाते है;
वो पिता है, चुप्पी से प्यार जताते है।

85 Views

You may also like these posts

इश्क
इश्क
Sanjay ' शून्य'
प्रश्न मुझसे किसलिए?
प्रश्न मुझसे किसलिए?
Abhishek Soni
भावुक हृदय
भावुक हृदय
Dr. Upasana Pandey
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
gurudeenverma198
मजा मुस्कुराने का लेते वही,
मजा मुस्कुराने का लेते वही,
Sunil Suman
#आज_का_शेर-
#आज_का_शेर-
*प्रणय*
💐 *दोहा निवेदन*💐
💐 *दोहा निवेदन*💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
मशहूर तो भले ही ना हुये हैं हम, मगर
मशहूर तो भले ही ना हुये हैं हम, मगर
Shinde Poonam
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
Ravikesh Jha
नारी
नारी
लक्ष्मी सिंह
"परिवर्तनशीलता"
Dr. Kishan tandon kranti
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
विनाश की कगार पर खड़ा मानव
विनाश की कगार पर खड़ा मानव
Chitra Bisht
जीवन है बस आँखों की पूँजी
जीवन है बस आँखों की पूँजी
Suryakant Dwivedi
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
डॉ. दीपक बवेजा
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
हमारा देश
हमारा देश
SHAMA PARVEEN
*यातायात के नियम*
*यातायात के नियम*
Dushyant Kumar
सृजन
सृजन
Bodhisatva kastooriya
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
विजय कुमार अग्रवाल
*खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)*
*खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खाएं भारतवर्ष का
खाएं भारतवर्ष का
RAMESH SHARMA
माँ की आँखों में पिता
माँ की आँखों में पिता
Dr MusafiR BaithA
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
Loading...