“खरा सोना “
“खरा सोना ”
सुहावने लगते है हर चीज, जो दूर से परखे जाते है।
चमक तो होती है बहुत ,पर गुण तनिक भी नहीं ।
खरा सोना तो हमेशा, पास से परखे जाते है ।
जिसे अपने गुण और चमक ,बताने की जरूरत नहीं होती । …………..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी
“खरा सोना ”
सुहावने लगते है हर चीज, जो दूर से परखे जाते है।
चमक तो होती है बहुत ,पर गुण तनिक भी नहीं ।
खरा सोना तो हमेशा, पास से परखे जाते है ।
जिसे अपने गुण और चमक ,बताने की जरूरत नहीं होती । …………..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी