खरगोश
कितना प्यारा है खरगोश।
इसमें देखो कितना जोश।।
गाजर खाना इसको भाता।
तभी तो गाजर प्रतिदिन खाता।।
उछल कूद करता है दिनभर।
शाम को जाता अपने घर।।
लगता है ये हिम का गोला।
लगता है ये कितना भोला।।
दौड़ा लगाता सरपट देखो।
दौड़ा लगाना इससे सीखो।।
विजय बेशर्म