Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2021 · 1 min read

खत मोहब्बत के

कुछ रूह से उतर गए कुछ रूह में बस गए
कुछ ऐसे थे जो आप जैसे बन गए
ओर अपनी मोहब्बत का इज़हार कर गए
चाह कर भी वो कुछ ऐसा कर गए
कि अपने दिल की बात दिल मे रख पाए
ओर बेकसी में सब कुछ बयां कर गए
काश जंग इज़हारे इश्क़ की इतनी आसान होती
बिना कुछ कहे सब कुछ सामने आ जाए
कवि का जनून है ये इश्क़
कभी रूह से उसकी नाजाये

यह खत मोहब्बत के यूं दिल में उतर गए

Language: Hindi
9 Likes · 7 Comments · 366 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
gurudeenverma198
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
3523.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3523.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दहेज.... हमारी जरूरत
दहेज.... हमारी जरूरत
Neeraj Agarwal
क्या है
क्या है
Dr fauzia Naseem shad
अपनी राह
अपनी राह
Ankit Kumar Panchal
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वो हक़ीक़त में मौहब्बत का हुनर रखते हैं।
वो हक़ीक़त में मौहब्बत का हुनर रखते हैं।
Phool gufran
जाने जां निगाहों में
जाने जां निगाहों में
मधुसूदन गौतम
बूढ़ी माँ .....
बूढ़ी माँ .....
sushil sarna
* जिसने किए प्रयास *
* जिसने किए प्रयास *
surenderpal vaidya
सत्याधार का अवसान
सत्याधार का अवसान
Shyam Sundar Subramanian
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
Bodhisatva kastooriya
स्वागत बा श्री मान
स्वागत बा श्री मान
आकाश महेशपुरी
मन को भिगो दे
मन को भिगो दे
हिमांशु Kulshrestha
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
Manju sagar
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
Kanchan Alok Malu
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
*प्रणय*
" फर्क "
Dr. Kishan tandon kranti
जन-जन प्रेरक बापू नाम
जन-जन प्रेरक बापू नाम
Pratibha Pandey
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
शेखर सिंह
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ज़िंदगी...
ज़िंदगी...
Srishty Bansal
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
पंकज परिंदा
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...