Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2023 · 1 min read

खत पढ़कर तू अपने वतन का

खत पढ़कर तू अपने वतन का।
जल्दी आना अपने वतन को।।
करती है याद मातृभूमि तेरी।
मिलने आना अपने वतन को।।
खत पढ़कर तू ——————-।।

खेला करता था कभी, तू इसकी गोद में।
सँग कभी हँसता था इसके, तू इसकी मौज में।।
इसके फूलों की खुशबू , तुमको बुलाती है।
इसलिए चले आना, तू अपने चमन को।।
खत पढ़कर तू ———————–।।

इसके जैसा नहीं मिलेगा, तुमको प्यार कहीं।
इसके जैसा नहीं मिलेगा, तुमको सम्मान कहीं।।
इसके अहसान सच में, तुम पर बहुत है।
तू चले आना चुकाने, इसके अहसान को।
खत पढ़कर तू ————————–।।

देख कैसे लुट रहा है, यह तेरा वतन यहाँ।
देख कितना रो रहा है, यह तेरा चमन यहाँ।।
बर्बाद नहीं होने दे तू , अपने चमन- देश को।
तू चले आना बचाने, देश के सम्मान को।।
खत पढ़कर तू ————————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
201 Views

You may also like these posts

अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सोच बदलें
सोच बदलें
Dr. Bharati Varma Bourai
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
जीने दें
जीने दें
Mansi Kadam
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
सत्य कुमार प्रेमी
शब्द जो कर दें निशब्द
शब्द जो कर दें निशब्द
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
साक्षात्कार - पीयूष गोयल
साक्षात्कार - पीयूष गोयल
Piyush Goel
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
यूँ
यूँ
sheema anmol
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
पूर्वार्थ
सुन मानसून ! सुन
सुन मानसून ! सुन
Ghanshyam Poddar
जाने कैसे आँख की,
जाने कैसे आँख की,
sushil sarna
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
Sanjay ' शून्य'
क्या ?
क्या ?
Dinesh Kumar Gangwar
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मां महागौरी
मां महागौरी
Mukesh Kumar Sonkar
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
RAMESH SHARMA
■ आखिरकार ■
■ आखिरकार ■
*प्रणय*
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
*दुल्हन के सुंदर हुए, लाल मेहॅंदी-हाथ (कुंडलिया)*
*दुल्हन के सुंदर हुए, लाल मेहॅंदी-हाथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अकेलेपन का अंधेरा
अकेलेपन का अंधेरा
SATPAL CHAUHAN
श्याम
श्याम
Rambali Mishra
"ऐ समन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
122 122 122 122
122 122 122 122
Johnny Ahmed 'क़ैस'
रामू
रामू
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
Loading...