खत्म हुआ मतदान अब
ग़ज़ल
खत्म हुआ मतदान अब।
गलियाँ हैं सुनसान अब।।
वैर-भाव सब छोड़ कर,
गाना मंगल गान अब।।
सजा सेहरा जीत का,
करना सबका मान अब।।
दीन-दुखी की मदद कर,
बना सही पहचान अब।।
जोड़ घटा सब छोड़ कर,
धरो काम पर ध्यान अब।।
‘सिल्ला’ सारे बंधु हैं,
बजा अमन की तान अब।।
-विनोद सिल्ला