खत्म हुआ एक और दिन
खत्म हुआ एक और दिन
और एक कश्मकश अंतहीन
अनगिनत लम्हों में बिखरा
अनंत उलझनों में उलझा
हर लम्हा बिताया गिन गिन
खत्म हुआ एक और दिन
चित्रा बिष्ट
खत्म हुआ एक और दिन
और एक कश्मकश अंतहीन
अनगिनत लम्हों में बिखरा
अनंत उलझनों में उलझा
हर लम्हा बिताया गिन गिन
खत्म हुआ एक और दिन
चित्रा बिष्ट