— खतरनाक है —
सुर्खिओं में रहना भी
आजकल खतरनाक है
कब कोई बन जाए
दुश्मन
इस बात से इंसान
अनजान है !!
सब की नजरों में
दिन रात चढोगे
यह कौन सहन करेगा
दोस्त बनेगा एक
पर दुश्मन हर वक्त
सर पर तैनात है !!
वक्त की खोज में
रहेगा दुश्मन
नजर में रखेगा तुम्हे
वो दुश्मन
कौन सा सही वक्त
आएगा
इस बात का बस
तूफ़ान है !!
चढते सूरज को
प्रणाम करते हैं सब
वो बात अलग है
इंसान चढ़ा अगर
उस को गिराने को
लोग तैयार हैं !!
कौन चाहता है , भला
कि आपका हो जाए
आप बन जाए सिरमौर
और वो पतझड़ हो जाए
गिराने की कोशिश
में रहेगा दुश्मन
कब उस के तीर
का शिकार आप हो जाएँ !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ