खट्टे मीठे पल जिन्दगी के,।
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के, –
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के रोज गुजारें हम,
कभी कुछ गरम गरम, कभी कुछ नरम नरम ।
देख रहे सब दुनियां दारी कैसी ये अपनी तैयारी ,
लूटपाट औ रिश्वतखोरी आज यही सब है होशियारी
नहीं कुछ शरम शरम, नहीं कुछ शरम शरम।
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के रोज गुजारें हम ,
कभी कुछ गरम गरम कभी कुछ नरम नरम ।
चार दिनों की ये जिन्दगानी, समझ नहीं तुमको ये आनी
समझ ले वन्दे बात पुरानी कफ़न में जेब नहीं है लगानी,
कर लो कुछ धरम करम करे कर लो कुछ धरम करम
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के रोज गुजारें हम ,
कभी कुछ गरम गरम कभी कुछ नरम नरम।
कहीं खुशी कहीं गम की कहानी रोज देखते हम शैतानी,
व्यभिचारी से रहे मांगती बेटी रहम रहम, बेटी रहम रहम
नयी समझ से वो जीती है देखो सहम सहम, देखो सहम सहम
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के रोज गुजारें हम ,
कभी कुछ गरम गरम कभी कुछ नरम नरम
भारत विश्व गुरु बन जाये फैले दया धरम,
बहुत हुआ सद्बुद्धी दो प्रभु सब पे करो करम।
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के रोज गुजारें हम,
कभी कुछ गरम गरम कभी कुछ नरम नरम।।