क्षणिकायें
खजाना
उसकी
तरक्की को
दुनिया ने माना है
जिसके पास
उम्मीद का खजाना है।
2- आंसू
मौन नहीं होता है
आंसू
उसमें भी
स्वर गाते हैं
आंसू की आवाज
सिर्फ अपने ही
सुन पाते हैं।
3- मोबाइल नंबर
हे समाज बता
कहां गया तेरा पता
विकास के नाम पर
गली, मुहल्ला
और घर खो गया है
आदमीं अब सिर्फ
मोबाइल नंबर हो गया है।
-डा विवेक सक्सेना