खंजर भी पाया है
जिनके हाथों से कभी फूल मिला करता था
उन्ही के हाथों में मैंने खंजर भी पाया है
जिन लोगों के हाथों में पत्थर देख रहे हो न
मुझे पागल भी उन्ही लोगो ने बनाया है
~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar
जिनके हाथों से कभी फूल मिला करता था
उन्ही के हाथों में मैंने खंजर भी पाया है
जिन लोगों के हाथों में पत्थर देख रहे हो न
मुझे पागल भी उन्ही लोगो ने बनाया है
~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar