क्षमा दया नैसर्गिक गुण हैं, ये हम भूल न जाएँ ।।
क्षमा दया नैसर्गिक गुण हैं,
ये हम भूल न जाएँ !!
जीवन सेज सामान नहीं है,
मानव भी भगवान् नहीं है,
क्रोध शमन आसान नहीं है,
किन्तु रहें इंसान बने हम,
सदमार्ग अपनाएं, ********
क्षमा दया नैसर्गिक गुण हैं,
ये हम भूल न जाएँ !!
कार्य क्षेत्र में उन्मुख हों जब
क्रोधानल के वशीभूत हों,
किन्तु गेह की ओर चलें जब,
भूलें सभी विसार क्षमा कर,
शान्ति सुधा वरसाएँ ,********
जीवन को भरपूर जियें हम,
लक्ष्य नए नित रोज चुने हम,
कभी कही पर ख़ुशी राह में,
कहीं विकट आघात,
किन्तु क्षमा गुण है वरिष्ठ का
लघुतम का उत्पात,
इसे पाथेय बनायें
क्षमा दया नैसर्गिक गुण हैं,
ये हम भूल न जाएँ !!