क्षमा करो अपराध हमारा (गीत)
क्षमा करो अपराध हमारा (गीत)
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क्षमा करो अपराध हमारा, हमने तुम्हें भुलाया
(1)
बँटवारा जब हुआ, बनाया तुमको पाकिस्तानी
सदा- सदा मन वचन कर्म से तुम पर हिंदुस्तानी
तुम आजीवन सदा मातरम् वंदे कहने वाले
भारत माता की जय गाथा गाते रहने वाले
खेद ! भेड़ियों के हाथों में हमने तुम्हें फँसाया
( 2 )
यह कर्तव्य हमारा था, आदर से तुमको लाते
तुम्हें शत्रु नापाक पाक के कब्जे से छुड़वाते
तुम्हें वस्त्र भोजन रहने की सब देते सुविधाएँ
तुमको देते अधिकार हिंद में जब चाहे आ जाएँ
कारागृह का दंड मगर था तुमने बंधु उठाया
( 3 )
अपने तीर्थ सनातन जिनको गाते कभी न थकते
यह कैसा बँटवारा अपना उन्हें नहीं कह सकते
छोड़ दिया हमने पवित्र जल भूमि हिंद की प्यारी
छोड़ दिए वंदे भारत कहने वाले नर नारी
तुम थे हिंदुस्तानी दिल से, बंधक जिन्हें बनाया
( 4 )
बंद किए दरवाजे हमने सरहद के जो झूठी
किस्मत सिर्फ हमारे कारण बंधु तुम्हारी रूठी
धर्म बचाएँ और आबरू या घर-बार बचाएँ
यक्ष प्रश्न था जयहिंदी कैसे जीवित रह पाएँ
बँटवारे के बाद पाक ने तुम पर जुल्म ढहाया
( 5 )
धन्य- धन्य तुम भक्त हिंद के,ह गँवा सभी कुछ आए
नंगे पैरों छोड़ हवेली, सोचो क्या कुछ लाए
बसे हिंद में जैसे- तैसे, सिर पर छत मिल पाई
सुजला- सुफला रोज हृदय से धन्य आरती गाई
मगर तुम्हारे लिए बंधु क्या हमने फर्ज निभाया ?
क्षमा करो अपराध हमारा, हमने तुम्हें भुलाया
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976154 51