Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2023 · 1 min read

क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।

क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
कौन कभी लेकर गया, गज भर साथ जमीन।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 374 Views
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

जिंदगी हमने जी कब,
जिंदगी हमने जी कब,
Umender kumar
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
Rj Anand Prajapati
मन की चाहत
मन की चाहत
singh kunwar sarvendra vikram
मेरे दिल की गहराई में,
मेरे दिल की गहराई में,
Dr. Man Mohan Krishna
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
पिया - मिलन
पिया - मिलन
Kanchan Khanna
नमन तुमको है वीणापाणि
नमन तुमको है वीणापाणि
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
घरेलू आपसी कलह आज बढ़ने लगे हैं...
घरेलू आपसी कलह आज बढ़ने लगे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
Harminder Kaur
" नारी "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
3896.💐 *पूर्णिका* 💐
3896.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिन बातों को सह गए,हम  पाने को चैन
जिन बातों को सह गए,हम पाने को चैन
Dr Archana Gupta
” कुम्हार है हम “
” कुम्हार है हम “
ज्योति
श्री कृष्ण
श्री कृष्ण
Vandana Namdev
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Ayushi Verma
बाळक थ्हारौ बायणी, न जाणूं कोइ रीत।
बाळक थ्हारौ बायणी, न जाणूं कोइ रीत।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
क्षणिका ....
क्षणिका ....
sushil sarna
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
अनुभूति
अनुभूति
Pratibha Pandey
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
महिला प्रतीक है स्वाभिमान का
महिला प्रतीक है स्वाभिमान का
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
यूँ  तो  दुनिया  में  मेले  बहुत  हैं।
यूँ तो दुनिया में मेले बहुत हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुंती का भय
कुंती का भय
Shashi Mahajan
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ভ্রমণ করো
ভ্রমণ করো
Arghyadeep Chakraborty
दुःख पहाड़ जैसे हों
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
🙅इत्ता सा अंतर🙅
🙅इत्ता सा अंतर🙅
*प्रणय*
*हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है (हिंदी गजल)*
*हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...