क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
कौन कभी लेकर गया, गज भर साथ जमीन।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
कौन कभी लेकर गया, गज भर साथ जमीन।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद